पुराने दर्द लिखूँ या ताजे जख्म लिखूँ... या जिसने दिए उसका जिक्र लिखूँ... खामोश है लब ,चुप है कलम..अब तुम ही कहो कैसे हाल -ए-दिल लिखूँ ....

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